Atlanta Electricals IPO: Atlanta Electricals एक इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट निर्माता कंपनी है, जो ट्रांसफॉर्मर्स, स्विचगियर और पावर डिस्ट्रीब्यूशन प्रोडक्ट्स के उत्पादन में माहिर है। कंपनी की पकड़ मुख्य रूप से इंडियन मार्केट में काफी मजबूत है, और इसका क्लाइंट बेस पब्लिक सेक्टर, सरकारी विभागों और बड़े निजी उपभोक्ताओं तक फैला हुआ है। कंपनी का ऑर्डर बुक 16,429.58 लाख रुपये का है, जिसमें पब्लिक सेक्टर से लगभग 82% ऑर्डर आते हैं।
आईपीओ की जानकारी
Atlanta Electricals IPO का इश्यू साइज ₹687.34 करोड़ है। इसमें ₹400 करोड़ का फ्रेश इश्यु और ₹287.34 करोड़ का ऑफर फॉर सेल शामिल है। आईपीओ का प्राइस बैंड ₹718 से ₹754 प्रति शेयर तय किया गया है, और एक लॉट में 19 शेयर शामिल हैं। खुदरा निवेशकों के लिए न्यूनतम आवेदन राशि ₹14,326 है। आईपीओ 22 सितंबर 2025 से 24 सितंबर 2025 तक खुला रहा और 29 सितंबर 2025 को BSE और NSE पर लिस्टिंग प्रस्तावित है।
सब्सक्रिप्शन स्थिति
Atlanta Electricals IPO को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। यह आईपीओ कुल 70.63 गुना सब्सक्राइब हुआ है। रिटेल कैटेगरी में इसे 10.42 गुना, क्यूआईबी (Qualified Institutional Buyers) में 194.92 गुना और एनआईआई (Non-Institutional Investors) में 54.20 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ। इसने कुल 46,17,87,742 शेयरों के लिए आवेदन मिले, जबकि ऑफर में केवल 65,38,439 शेयर ही थे।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) एवं लिस्टिंग अनुमान
आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम में काफी बदलाव आया है। 24-26 सितंबर तक GMP ₹96-₹117 के बीच रहा, जबकि कुछ दिनों पहले यह ₹144 तक भी गया था। ऊपरी प्राइस बैंड को मिलाकर GMP के अनुसार शेयर की लिस्टिंग कीमत करीब ₹849 से ₹870 प्रति शेयर मानी जा रही है, जिससे निवेशकों को 12-15% का लिस्टिंग गेन मिल सकता है। प्रस्तावित लिस्टिंग डेट 29 सितंबर 2025 है।
वित्तीय प्रदर्शन और ग्रोथ
कंपनी के वित्तीय नतीजे बहुत मजबूत हैं। मार्च 2025 में कंपनी की आय ₹1250.49 करोड़ रही, जो पिछले साल ₹872.05 करोड़ थी (43% ग्रोथ)। कंपनी का मुनाफा (PAT) ₹118.65 करोड़ हुआ, जो पिछले वित्तीय वर्ष से करीब 87% अधिक है। EBITDA में भी 62% की बढ़त देखी गई। कंपनी की नेटवर्थ ₹349.90 करोड़ और कुल लोन ₹141.03 करोड़ है।
आईपीओ में निवेश के फायदे और जोखिम
Atlanta Electricals की ऑर्डर बुक मजबूत है, कंपनी के ग्राहक बाज़ार में विविधता लिए हुए हैं, और वित्तीय ग्रोथ लगातार बढ़ रही है। लिस्टिंग के बाद कंपनी अपने विस्तार और नई परियोजनाओं पर फोकस करेगी, जिससे आगे भी ग्रोथ की उम्मीद है।
हालांकि, इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्री की प्रकृति साइकलिकल है, जिससे आर्थिक मंदी और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का जोखिम रहता है। रेगुलेटरी बदलाव भी कंपनी के बिजनेस को प्रभावित कर सकते हैं। कंपनी की मजबूत ऑपरेशन क्षमता और डाइवर्सिफाइड क्लाइंट बेस ये जोखिम काफी हद तक कम करते हैं।
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